जनपद शामली: कांधला मे उद्यान विभाग व वन विभाग तो चांदी की चमक के सामने पर्यावरण के साथ कर रहे है खिलवाड़।
रेंजर कैराना का कहना है की 175 आम के पेड़ो की परमिशन दी गयी थी ज़ब पत्रकार ने पूछा की दोबारा* कोविड़ 19 मे भारत मे कई मौत हाल हुई है और योगो सरकार हर वर्ष करोड़ो रूपये पर्यावरण पर खर्च कर रही है आप *फलदार आम के बड़े बागो का परमिट कैसे जारी कर रहे है उनका कहना है की ज़ब किसान हीं अपने आम के बाग काटने का परमिट मांगता* है तो हमें परमिट देना पड़ता है।
है न कमाल का जवाब
भारत मे लाखो लोग कोविड़-19 मे मौत की नींद सौ गये है ऑक्सीजन की किल्लत से हर किसी व्यक्ति ने इस भयंकर बीमारी ने किसी न किसी अपने को खोया है* और ये सरकार के नौकर हीं रक्षक हीं भक्षक बनेगे तो सरकार व पर्यावरण के साथ खिलवाड़ तो होगा हीं साहब।
डी एफ ओ शामली ने तो इस बात से पल्ला हीं झाड लिया उनका कहना था की मे तो कई दिनों से झुट्टी पर हूँ मुझे इन आम के हरे भरे बागो के परमिट की जानकारी नहीं है की कितने पैड़ो का परमिट दिया गया है ये तो रेंजर कैराना हीं बताएंगे।
और एस डी एम कैराना ने कहा की जांच करायी जायेगी मगर यहाँ तो कुछ भी नहीं।
अब रेंजर से पूछा की इन दोनों आम के बागो पर कितना जुर्माना किया गया तो उन्होंने कहा की उन पूरे बागो का परमिट था उन्ही को काटा गया और एक आम के बाग मे 175 पेड़ थे तो जुर्माना केसा ज़ब फालतू पेड थे हीं नहीं।
उद्यान विभाग व वन विभाग 20 परसेंट कमीशन ख़रीदे गये बाग की रकम लेकर क़ानून की धज्जियाँ उड़ा रहे है अगर चीफ जानू मेरठ शामली डी एफ ओ व इन रेंजर की जांच* *कराये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा* जबकी चीफ जानू मेरठ बड़े हीं ईमानदारी से अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे है अगर कोई ज़रा सी भी शिकायत किसी भी ज़िलें की करता है तो हाथो हाथ कार्यवाही उनकी तरफ से की जाती है कई आम के बाग मुज़फ्फरनगर उनके हीं आदेशों से व रहमो कर्म से बचे हुये है नहीं तो ये बाग कब तक ज़मीदोष हुये होते।
इतने बड़े आम के फलदार बाग तो लाखो रूपये रोज़ का फ्री ऑक्सीजन जनता को दे रहे है मगर ये अधिकारी बेखौफ होकर किस के इशारे पर सरकार के खिलाफ कार्य कर रहे है।