किस कदर कुछ विभागों में भ्रष्टाचार पसरा और लोग पैसे देकर अपना काम कराने को रहते मजबूर..!!

DR SHADAB AHMAD
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 किस कदर कुछ विभागों में भ्रष्टाचार पसरा और लोग पैसे देकर अपना काम कराने को रहते मजबूर..!!



सरकारी विभागों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की कवायद में अब तक देश मे कुछ अधिकारियों की सेवा खत्म की जा चुकी है! जिनमें कई विभाग के अधिकारी भी हैं और कर विभाग के भी हैं! ये सारे अधिकारी व हैं जिनके खिलाफ घूसखोरी,जबरिया वसूली,पद के दुरुपयोग,आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने सहित भ्रष्टाचार के दूसरे संगीन मामले दर्ज हैं! यों तो सरकार का शायद ही कोई ऐसा महकमा होगा जहां भ्रष्टाचार न हो! लेकिन कर विभाग में भ्रष्टाचार सीधे-सीधे आम लोगों से जुड़ा है और कर संग्रह का जिम्मा संभालने वाले अधिकारी किस कदर लोगों को धमकाते हुए लूटते हैं

   यह किसी से छिपा नहीं है! खासतौर से कारोबार करने वाले व्यापारी आयकर विभाग की लूट से आतंकित रहते हैं!अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करके ईमानदार करदाताओं को परेशान करती हैं!कुछ घूसखोर अधिकारी आयकरदाताओं को इस हद तक परेशान कर देते हैं कि कई बार तो लोग मौत को गले लगा लेते हैं!सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ भले कितने अभियान चला ले लेकिन इसे जड़ से खत्म कर पाना बहुत ही मुश्किल काम है! ऐसा इसलिए है कि हमने भ्रष्टाचार को एक तरह से आत्मसात कर लिया है और मान बैठे हैं कि यह हमारे समाज प्रशासन और सरकारों का अभिन्न हिस्सा बन चुका है!


देखा जाए तो कुछ लोगों को संपत्ति और भूमि संबंधी कामों के लिए घूस देनी पढ़ती हैं!इसी तरह नगर निगम, बिजली विभाग, जल विभाग, आरटीओ दफ्तर और अस्पताल ऐसे ठिकाने हैं जहां बिना लेन-देन के काम करा पाना संभव नहीं है और इन महकमों से आमजन का सीधा साबका पड़ता है!इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में निचले स्तर पर किस कदर भ्रष्टाचार पसरा है और लोग पैसे देकर काम कराने को मजबूर होते हैं!कहने को ज्यादातर सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं और इसका मकसद भी यह है कि लोगों को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके!लेकिन व्यावहारिक रूप से यह संभव नहीं हो पा रहा है!बड़ी समस्या यह है कि घूसखोरी और भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों के लिए हमारे पास पुख्ता तंत्र का अभाव है!

ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि ऐसे मामलों की शिकायतें कहां की जाएं!जहां जांच होती भी है वहां इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल है कि शिकायतकर्ता को इस तरह का कदम उठाना महंगा पड़ा जाता है!कुछ सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें और काम न रुके, इस डर के मारे लोग भी अपने कामों के लिए घूस देकर पिंड छुड़ाना बेहतर समझते हैं!कुछ विभागों के भ्रष्टाचार के किस्से कौन नहीं जानता? भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सरकार को तो अपने स्तर पर कड़े कदम उठाने ही होंगे साथ ही समाज को भी जागरूक बनने की जरूरत है!!


रिपोर्ट: विशेष टाइम्स न्यूज़

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